इस माह के कार्यक्रम-- 1. PMSMA (9,18,27) के दिन गर्भवती महिलाओं को हॉस्पिटल में चेकअप के लिए प्रेरित करना........ 2. विटामिन ए अभियान (29-11-25 से 29-12-25)........ 3. पिंक पखवाड़ा (01-12-25 से 15-12-25)

Wednesday, April 23, 2025

विश्व मलेरिया दिवस गतिविधियाँ

  • विश्व मलेरिया दिवस पर आयोजित की जाने वाली गतिविधियाँ

    1. रैली का आयोजन
      राजकीय विद्यालयों के छात्र एवं छात्राओं के द्वारा रैली का आयोजन कराया जाएगा।

    2. स्वास्थ्य शिक्षा
      राजकीय विद्यालयों में रोग की रोकथाम/बचाव/उपचार हेतु आरबीएसके टीमों के द्वारा स्वास्थ्य शिक्षा दिलवाना सुनिश्चित करें।

    3. चिकित्सा संस्थानों में जागरूकता
      चिकित्सा संस्थानों में दिनांक 25.04.2025 को आने वाले रोगियों को जानकारी देना व
      उपचार/बचाव/नियंत्रण/रोकथाम के बारे में स्वास्थ्य शिक्षा देना।

    4. फॉगिंग कार्य
      मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में फॉगिंग कार्य करवाया जाए।

    5. वीएचएसएनसी बैठक
      वीएचएसएनसी सदस्यों की बैठक आयोजित कर मौसमी बीमारियों के
      उपचार/बचाव/नियंत्रण/रोकथाम की चर्चा करना एवं स्वास्थ्य शिक्षा देना।

    6. एंटी लार्वा गतिविधियाँ
      घर-घर सर्वे, छतों पर पानी की खाली कराने की प्रक्रिया, कूलर, परिंडे,
      अनुपयोगी पानी से भरे टायर, गमलों से पानी की निकासी, गम्बूशिया एवं गप्पी मछली को डालना,
      नालियों में कुंड आदि स्थानों में टीम फॉस, घर के आस-पास साफ-सफाई करवाना,
      गंदे पानी की समुचित निकासी जैसी गतिविधियों का आयोजन किया जाए।

    7. प्रचार-प्रसार
      गतिविधियों की फोटो डिस्ट्रिक्ट व्हाट्सएप ग्रुप पर शेयर की जाए।


Thursday, April 10, 2025

लू तापघात (Heatstroke) - महत्वपूर्ण जानकारी

गर्मी के मौसम में तापमान का अत्यधिक बढ़ना कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म देता है। इनमें सबसे खतरनाक समस्या है "लू" या "तापघात" (Heatstroke)। यह स्थिति तब उत्पन्न होती है जब शरीर अत्यधिक गर्मी के संपर्क में आने से अपनी सामान्य तापमान संतुलन क्षमता खो देता है। यह एक आपातकालीन स्थिति है और समय रहते इलाज न मिलने पर जानलेवा भी हो सकती है।

लू तापघात के प्रमुख लक्षण:

  1. अत्यधिक सिरदर्द और चक्कर आना
  2. शरीर का तापमान 104°F (40°C) से अधिक हो जाना
  3. शरीर में पसीना आना बंद हो जाना
  4. त्वचा का लाल, गर्म और सूखा होना
  5. तेजी से सांस चलना और दिल की धड़कन तेज होना
  6. मतली, उल्टी और बेहोशी की स्थिति

तापघात के मुख्य कारण:

  • अत्यधिक गर्मी में लंबे समय तक बाहर रहना
  • बिना सिर ढके धूप में घूमना
  • पर्याप्त पानी और तरल पदार्थों का सेवन न करना
  • अधिक उम्र या बीमार लोगों का शरीर की गर्मी नियंत्रित न कर पाना
  • बच्चों और गर्भवती महिलाओं का ज्यादा संवेदनशील होना

लू से बचाव के उपाय:

  1. धूप में निकलने से बचें:
    दोपहर 12 बजे से 4 बजे के बीच बाहर न निकलें, जब धूप सबसे तेज होती है।

  2. ढीले और हल्के रंग के कपड़े पहनें:
    सूती और ढीले कपड़े शरीर को ठंडा रखते हैं और पसीना सोखने में मदद करते हैं।

  3. सिर और कान ढककर रखें:
    टोपी, छाता या गमछे का प्रयोग करें।

  4. पर्याप्त पानी और तरल पदार्थ लें:
    नारियल पानी, नींबू पानी, छाछ, आम पना आदि का सेवन करें।

  5. तेज धूप से आने पर सीधे ठंडे स्थान पर न जाएं:
    शरीर को धीरे-धीरे सामान्य तापमान पर लाएं।

  6. गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों का विशेष ध्यान रखें:
    ये वर्ग लू के प्रति ज्यादा संवेदनशील होते हैं।

  7. घर में ठंडक बनाए रखें:
    खिड़की-दरवाज़ों पर गीले पर्दे लगाएं, पंखों और कूलर का उपयोग करें।


अगर कोई लू का शिकार हो जाए तो क्या करें?

  • उसे तुरंत छाया या ठंडी जगह पर ले जाएं।
  • ठंडे पानी की पट्टियाँ रखें।
  • उसके शरीर को गीले कपड़े से पोछें या स्पंज करें।
  • उसे ORS घोल या नींबू पानी दें (अगर वह होश में हो)।
  • गंभीर स्थिति में तुरंत नजदीकी अस्पताल ले जाएं।

सुझाव:

लू से बचाव करना आसान है, बशर्ते हम थोड़ी सावधानी बरतें और अपने शरीर की जरूरतों को समझें। गर्मी के मौसम में अपनी दिनचर्या में थोड़े परिवर्तन और सतर्कता के साथ हम इस खतरनाक स्थिति से खुद को और अपने प्रियजनों को सुरक्षित रख सकते हैं।

"सावधानी में ही सुरक्षा है"

Friday, April 4, 2025

हीट वेव (Heat Wave) संबंधी दिशा-निर्देश

🌞 राज्य स्तर से आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में हीट वेव संबंधी दिशा निर्देश 🌞

सभी चिकित्सा संस्थानों को निम्नलिखित निर्देशों का पालन सुनिश्चित करना अनिवार्य है:

🔹 स्वास्थ्य सुविधाएं:
1️⃣ सभी चिकित्सा संस्थानों में उपलब्ध उपकरण क्रियाशील अवस्था में हों।
2️⃣ रोगियों हेतु वार्ड, प्रतीक्षालय एवं ओपीडी छायादार एवं वातानुकूलित हो।
3️⃣ रोगियों एवं सहयोगी सदस्यों हेतु ठंडे पेयजल की माकूल व्यवस्था हो।
4️⃣ चिकित्सा संस्थानों में एसी, पंखे एवं कूलर पूर्णतः क्रियाशील रहें।
5️⃣ डीएच, एसडीएच, सीएचसी एवं पीएचसी में जम्बो कूलर की उपलब्धता सुनिश्चित करें।

🔹 एम्बुलेंस एवं दवाएं:
6️⃣ 108/104/ALS/BLS एम्बुलेंस में आइस पैक, आवश्यक दवाएं एवं सभी उपकरण क्रियाशील अवस्था में हों।
7️⃣ ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट सक्रिय अवस्था में हो।
8️⃣ संस्थानों में आवश्यक दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।
9️⃣ नरेगा साइट्स पर नियमित विजिट कर दवा किट उपलब्ध कराएं।
🔟 ओआरएस एवं जिंक के पैकेट उपस्वास्थ्य केंद्रों तक अनिवार्य रूप से पहुँचाए जाएं।

🔹 टीम गठन एवं नियंत्रण कक्ष:
1️⃣1️⃣ खंड स्तर पर आरआरटी टीम एवं नियंत्रण कक्ष स्थापित कर सूचना शीघ्र भेजें।
1️⃣2️⃣ डीएच, एसडीएच, सीएचसी, पीएचसी एवं उपस्वास्थ्य केंद्रों तक आरआरटी टीम गठित कर आदेश जिला मुख्यालय को प्रेषित करें।
1️⃣3️⃣ डीएच-10, एसडीएच-8, सीएचसी-5, पीएचसी-2 बेड हीट वेव रोगियों हेतु आरक्षित करें।

🔹 मच्छर नियंत्रण एवं पर्यावरण सुरक्षा:
1️⃣4️⃣ एन्टी लार्वा, एन्टी एडल्ट एवं सोर्स रिडक्शन की गतिविधियों का दैनिक क्रियान्वयन सुनिश्चित करें।
1️⃣5️⃣ लार्वा डेमोस्ट्रेशन अनिवार्य रूप से चिकित्सा संस्थानों में किया जाए।
1️⃣6️⃣ गंबूसिया मछलियों को जल स्रोतों में अनिवार्य रूप से डाला जाए।
1️⃣7️⃣ मच्छर रोधी रसायनों (क्रूड ऑयल, टेमिफोस, पायरेथ्रिम, जला हुआ मोबाइल ऑयल) की उपलब्धता सुनिश्चित करें।

🔹 तकनीकी एवं मशीनरी:
1️⃣8️⃣ क्लोरोस्कोप पूर्णतः क्रियाशील हो।
1️⃣9️⃣ गणेश पंप चालू अवस्था में हो।
2️⃣0️⃣ फोगिंग मशीन ऑपरेशनल हो एवं स्थानीय जनप्रतिनिधियों के समन्वय से फोगिंग की प्रक्रिया समय-समय पर करवाई जाए।

🚨 ⚠️ महत्वपूर्ण:
👉 सभी निर्देशों का तत्काल पालन करें एवं नियमित मॉनिटरिंग सुनिश्चित करें।
👉 किसी भी प्रकार की लापरवाही पर प्रशासन द्वारा कड़ी कार्यवाही की जाएगी।