मौसमी बीमारियों की रोकथाम हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश -
1. स्वास्थ्य दल आपके द्वार अभियान (तृतीय चरण) का गुणवत्ता पूर्ण क्रियान्वयन करे।
2. एंटी लार्वा, एंटी एडल्ट व सोर्स रिडक्शन गतिविधियों का दैनिक क्रियान्वयन व मोनिटरिंग करे।
3. फील्ड स्टाफ व डीबीसी को फील्ड में रोग निरोधात्मक गतिविधियों को करने हेतु पाबंद करे। मरुधर एप पर गतिविधियों का इंद्राज करे।
4. पोजेटिव केस की स्थिति में फोगिंग, चिकित्सा अधिकारी, बीसीएमओ की विजिट अनिवार्य रूप से की जानी है, तत्पश्चात फैक्चुअल रिपोर्ट भेजे।
5. दैनिक गतिविधियों के फोटो ग्रुप पर साझा करें।
6. हेचरी व फोगिंग क्रियाशील अवस्था मे रखी जावे।
7. स्वास्थ्य दल आपके द्वार हेतु गठित चिकित्सा दलों की कार्ययोजना के अनुरूप गतिविधियों के रिकॉर्ड को संधारित करे।
8. लार्वा डेमोस्ट्रेशन अनिवार्यतः चिकित्सा संस्थानों पर किया जावे।
9. पीने के पानी के नमूनों व ब्लड स्लाइड बनाना लक्ष्य अनुसार अर्जित किया जावे।
10. आईएचआईपी पोर्टल पर फॉर्म एस, पी, एल का 100 प्रतिशत इंद्राज सुनिश्चित करे।
11. दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करे।
12. आरबीएसके टीमे स्क्रीनिंग के साथ साथ मौसमी बीमारियों की रोकथाम हेतु स्वास्थ्य शिक्षा दिया जाना सुनिश्चित करे।
13. चिकित्सा संस्थानों पर इंसेक्टिसइड क्रूड आयल, टेमिफोस, पायरेथ्रियम की उपलब्धता सुनिश्चित करे।
14. खंड मुख्यालय पर नियंत्रण कक्ष क्रिया शील हो, इसकी सुनिश्चितता करे।
15. राजकीय व निजी विद्यालयों में प्रार्थना सभा मे मौसमी बीमारियों की रोकथाम हेतु स्वास्थ्य शिक्षा दिया जाना सुनिश्चित करे।
16. सेक्टर व खंड बैठकों में मौसमी बीमारियों की समीक्षा किया जाना सुनिश्चित करे।
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